तुफानों में वही डटा रहा जिसके जड़ें गहरी हैं
तुफानों में वही डटा रहा जिसके जड़ें गहरी हैं तुफानों में वही डटा रहा जिसके जड़ें गहरी हैं तूफानों का सामना करना और उनके बीच में स्थिर रहना सिर्फ उसी के बस की बात है जिसकी जड़ें गहरी और मजबूत होती हैं। तात्पर्य यह है कि जैसे एक पेड़ की जड़ें अगर मजबूत और गहरी हों , तो वह पेड़ आंधी और तूफानों का सामना कर सकता है और गिरता नहीं है , उसी तरह से मनुष्य को भी अपने जीवन में स्थिरता और सफलता पाने के लिए अपनी संस्कृति , संस्कार , और राष्ट्रीय धरोहर से जुड़ा रहना चाहिए। महापुरुषों ने भी कहा है कि कोई भी राष्ट्र तब तक गुलाम नहीं हो सकता , जब तक वह अपनी संस्कृति को नहीं खोता । अगर एक बार किसी देश की संस्कृति नष्ट हो जाती है या उस देश के लोगों के संस्कार पथ - भ्रष्ट हो जाते हैं , तो उस देश का गुल